01-02-2025
भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार 1 फरवरी को Budget 2025 पेश किया है और इसमें उन्होंने बड़ी चतुराई से पिछले टैक्स रिज्यूम को खत्म करने संबंधी प्रावधान शुरू कर दिया है. इसका मतलब यह है कि अब तक आप इनकम टैक्स बचाने के लिए जो बचत करते थे वह आधिकारिक रूप से खत्म हो जाने वाला है।
Nirmala के इस प्रयास से भारत की अर्थव्यवस्था के लिए 6. 5 लाख करोड रुपए का विशाल भंडार मार्केट में आ जाएगा. पिछले कई दशकों से टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट (Section 80C) जरूरी थे. लोगों को पीपीएफ, ELSS, इंश्योरेंस और एनपीएस में सालाना पैसे जमा कर टैक्स बचाने की सुविधा मिलती थी. नए टैक्स रीजीम के बाद ओल्ड टैक्स रिजीम के खत्म होने का खतरा मंडराने लगा है. लोगों के पास अब ओल्ड सिस्टम के लिए कोई इंसेंटिव नहीं बचा है.
पिछले साल 2 करोड़ टैक्स पेयर्स ने ओल्ड टैक्स रिज्यूम चुना था. इसमें सेक्शन 80c के तहत वह निवेश करने के बाद 1. 5 लाख रुपए बचा पाए थे. सेक्शन 80d के तहत 75000 रुपये बचते थे और सेक्शन 80ccd (1b) एनपीएस में निवेश से ₹50000 की बचत कर पाते थे. अब लोगों के पास करीब 2. 5 लाख रुपए का निवेश कर टैक्स बचाने का विकल्प सीमित हो गया है. इस तरीके से केंद्र सरकार ने देश की इकोनॉमी में 5. 5 लाख करोड रुपए फ्री कर दिए हैं.
इसके साथ ही गवर्नमेंट इनकम टैक्स में कटौती के जरिए जो 1 लाख करोड रुपए का रिवार्ड देती थी वह भी खत्म हो गया है और इस तरह देश की अर्थव्यवस्था के लिए 6. 5 लाख करोड रुपए उपलब्ध है. अगर यह रकम बाजार में आती है और खपत के रूप में समान और सेवाओं की खरीदारी तक पहुंचती है तो भारत की हाउसहोल्ड स्पेंडिंग 17. 54 लाख करोड रुपए से 20 फ़ीसदी तक बढ़ सकती है.
यह भारतीय ग्राहकों को सेवा देने वाले कारोबारी के लिए एक विन-विन सिचुएशन हो सकता है. यह बजट भारत के ग्रोथ मॉडल को अमेरिकी शैली पर ले जा रहा है जहां कंजप्शन आधारित इकोनामी बनाई जा रही है. यह बिजनेसमैन और निवेशक दोनों के लिए विन-विन सिचुएशन साबित हो सकता है.